भारत के उत्तर प्रदेश राज्य के जालौन ज़िले में स्थित एक नगर, तहसील मुख्यालय और एक नगरपालिका बोर्ड है। शहर क्रौंच ऋषि की तपोभूमि के लिए प्रसिद्ध है।
प्राचीन काल में इस स्थान पर एक प्राकृतिक झील थी। झील से अनवरत जल झरता रहता था। झील के आस पास क्रेन पक्षियों सहित कई अन्य पक्षियों का भी आना जाना रहता था। झील के पास प्राकृतिक सुंदरता के आकर्षण से सबको लुभाने वाला एक लघु पर्वत था। इसी मनमोहक प्राकृतिक स्थान पर ईस्वी सन् के पूर्व यशस्वी क्रौंच ऋषि ने तपस्या की थी, इसलिए शहर क्रौंच ऋषि की तपोभूमि के लिए प्रसिद्ध है।
शहर यशस्वी क्रौंच ऋषि की तपोभूमि के लिए प्रसिद्ध है। चौड़ा-काल में बावन गढ़ों की लड़ाई की सैन्य तैयारी हेतु यह स्थान दिल्ली के राजा पृथ्वीराज चौहान के पक्ष की सेना के लिए 'प्रशिक्षण केन्द्र' और 'शरण स्थली' बना था, इसलिए यह स्थान पृथ्वीराज चौहान के पक्ष की सेना के लिए बनाए गए चौंड़ा-काल के "सैन्य प्रशिक्षण केन्द्र" के लिए भी विख्यात है। 'चौडा़' पृथ्वीराज चौहान की सेना का अधिपति था।
यह शहर सबसे पुरानी रामलीला और दशहरा उत्सव के लिए भी प्रसिद्ध है। यह रामलीला नाटक 160 साल पुराना है और इसका नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी दर्ज है। यह शहर-एट के बीच भारतवर्ष की एक सबसे छोटी ब्राॅड-गेज रेलवे लाइन के लिए भी प्रसिद्ध है, इस रेलवे लाइन पर चलने वाली रेलगाड़ी को-एट शटल के नाम से जाना जाता है।